भारत बंद / केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में रैली निकाली, 16 मांगों को लेकर हो रहा आंदोलन

भारत बंद / केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में रैली निकाली, 16 मांगों को लेकर हो रहा आंदोलन






 






ऑल इंडिया ट्रेड यूनियंस के आह्वान पर बुधवार काे भारत बंद है। शहर सहित मालवा-निमाड़ में इसका मिला-जुला असर देखने काे मिला है। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन की मप्र शाखा के चेयरमैन एमके शुक्ला ने बताया, बैंकों के कर्मचारी-अधिकारियाें ने बुधवार सुबह साढ़े 10 बजे सांठा बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया के पास प्रदर्शन किया। इसके बाद एक रैली बजाजखाना चौक पहुंची, जहां सभा आयाेजित की गई। इस दौरान उन्होंने केंद्र की नीतियों का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की।


बंद को इनका समर्थन
भारत बंद को भारतीय व्यापार संघ, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), स्व-रोजगार महिला संघ, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन शामिल हैं। इसके अलावा (एलपीएफ), यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीयूसी) और ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर ने समर्थन दिया है।



249 किसान संगठन और 80 विद्यार्थी संगठनों का बंद को समर्थन
किसानों के मुताबिक, देशभर में 249 किसान संगठन और 80 विद्यार्थी संगठनों ने इस बंद को समर्थन दिया। ऑल इंडिया संघर्ष कमेटी की घोषणा के मुताबिक गांवों से दूध, सब्जी-फल के साथ-साथ हरे चारे की शहर में सप्लाई प्रभावित होगी। मध्य प्रदेश में सेंट्रल बैंक ने एसएमएस भेज कर ग्राहकों को हड़ताल की जानकारी दी। उप्र में जेईई मेन 2020, यूपी टीईटी 2019 और आईसीएआर नेट 2020 प्रवेश परीक्षाएं भी प्रभावित हुईं।


कर्मचारियों की ये हैं मांगें



  • सभी के लिए न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रति माह से कम न हो और इसे मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाए 

  • स्थायी/ बाहर मासी कामों के लिए ठेका प्रथा बंद हो। ठेका / संविदा / आउटसोर्सिंग कर्मचारी, जो नियमित कर्मचारी का कार्य कर रहे हैं उन्हें नियमित किया जाए। जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाता नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन भत्ता दिया जाए। 

  • बोनस और और प्रोविडेंट फंड की अदायगी पर से सभी बाध्‍यता सीमा हटायी जाए। ग्रेच्‍युटी का भुगतान 45 दिन प्रतिवर्ष के हिसाब से किया जाए।

  • सबके लिए पेंशन सुनिश्चित किया जाए। ईपीएफओ द्वारा सभी को एक हजार की जगह कम से कम दस हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाए। 

  • केंद्रिय राज्‍य सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति को बहाल किया जाए। केंद्र व राज्‍य कर्मचारियों को एक समान वेतन व भत्‍ते दिए जाए। 

  • रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाया जाए। केंद्र व राज्‍य सरकार के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती किया जाए। नियमित प्रकृति के कार्यों में कार्यरत सभी उद्योग के संविदा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियमित किया जाए और कार्य के आधार पर आवश्यकतानुसार नई भर्ती की जाए, ताकि बेरोजगारी दूर हो। स्थाई प्रकृति के काम पर स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। 

  • महंगाई पर रोक लगाने के लिए योजना बनाई जाए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाए एवं खाद्य पदार्थों पर वायदा कारोबार पर रोक लगाई जाए। 

  • श्रम कानून को सख्ती से लागू किया जाए। श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधनों को वापस किया जाए असंगठित क्षेत्र के लिए क्या मजदूरों के लिए क्षेत्र के मजदूरों के लिए सर्वव्यापी सर्वव्यापी सामाजिक सुरक्षा कानून बनाया जाए एवं राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कोष का निर्माण किया जाए।



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