भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है। मौजूदा दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी का कार्यकाल विधानसभा चुनाव से पहले ही समाप्त हो गया था। केंद्रीय नेतृत्व अब ऐसे नेता को तलाश रहा है जो पार्टी के पांच योग्यताओं को पूरा करता हो। नए प्रदेश अध्यक्ष का पार्टी के संगठन में पकड़ के साथ जाट, गुर्जर और पूर्वांचली (ब्राह्मण) जातीय समीकरण को पूरा करता हो। साथ ही मौजूदा समय में पार्टी में किसी पद पर नहीं हो, जिससे पार्टी को पूरा समय दे सके। उसे संघ और संगठन से जुड़ा होना चाहिए। इसके साथ दिल्ली सरकार के कामकाज पर सवाल उठाकर पांच साल तक आक्रामक मोड में विपक्ष की सशक्त भूमिका निभा सके।
ये पांच मानक किए तय
1. प्रदेश में चल रही गुटबाजी रोकने की क्षमता हो।
2. भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त और पार्टी का कट्टर कार्यकर्ता, संगठन में लोकप्रियता।
3. आम जनता से आसानी से जुड़ने वाला हो,ताकि आम आदमी उन तक सीधे पहुंच सके ।
4. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से निपटने में सक्षम ।
5. युवा वर्ग का प्रतिनिधित्व करता हो ।
पूर्व प्रदेशाध्यक्षों के साथ मौजूदा सांसद भी शामिल हैं दौड़ में
विश्वसनीय सूत्रों की माने तो दिल्ली भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद की दौड़ में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय के साथ दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश विधूड़ी और पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा का भी नाम है। वहीं नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की सांसद मीनाक्षी लेखी, पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के सांसद हंसराज हंस ने आलाकमान से प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अनिच्छा जाहिर करते हुए फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने की बात कही है। इसके अलावा प्रदेश के महामंत्री कुलजीत चहल, रविन्द्र गुप्ता सहित कई लोग अपना-अपना नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए चलवा रहे हंै। केन्द्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष विजय राहटकर और नेशनल जनरल सेक्रेटरी मुरलीधर राव ने नियुक्त किया है। उम्मीद है कि एक दो दिन में दोनों नेता अपनी रिपोर्ट भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप देंगे। जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सहमति के बाद अगले हफ्ते नया अध्यक्ष मिल सकता है।