निर्भया केस के चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। पवन ने गुनाह के समय खुद के नाबालिग होने का दावा किया था। दूसरी तरफ फांसी पर रोक लगाने वाले याचिका पर भी आज ही सुनवाई होनी है। दिल्ली की एडिशनल सेशंस काेर्ट में यह याचिका दोषी अक्षय सिंह ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने लगाई है। कोर्ट ने इस पर तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगा है। इस बीच तिहाड़ में दो सहायक अधीक्षकों दीपक शर्मा और जय सिंह को तैनात किया गया है।
मुकेश की याचिका पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई आज
दिल्ली हाईकाेर्ट गुनहगार मुकेश सिंह की याचिका पर आज फैसला सुनाएगा। उसका दावा है कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। मुकेश के वकील का दावा है कि 17 दिसंबर को उनका मुवक्किल राजस्थान में गिरफ्तार किया गया था। गैंगरेप की घटना 16 दिसंबर को हुई थी। इधर, जल्लाद पवन ने तिहाड़ में अधिकारियाें के साथ बुधवार काे डमी काे फांसी देकर ट्रायल किया। यह चाैथी बार है, जब निर्भया के चाराें गुनहगाराें काे फांसी देने के लिए ट्रायल किया गया। चाराें गुनहगाराें काे शनिवार काे सुबह 5:30 बजे फांसी देने का वॉरंट निचली काेर्ट ने 5 मार्च काे जारी किया था।
16 दिसंबर 2012: 6 दोषियों ने निर्भया से दरिंदगी की थी
दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों...राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।